Bollywood Journey:-
Challenges, Aspirations, and Success

आज competition ज़्यादा है मगर views भी ज़्यादा है television ने बहुत आसान कर दिया है talented लोगों के लिए अपना हुनर दीक्षा अपना display करने के लिए. मगर यह भी सच है कि marketing बड़ी मुश्किल चीज़ हो गई है आज क्योंकि आजकल आप product बना तो लेते हैं मगर उसकी marketing करने में आपकी जा निकल जाती है. तो बहुत कुछ बदला है मगर बात difficult इसलिए हो गई है क्योंकि बहुत सारे लोग आ गए हैं अभी. लोगों के अंदर की aspirations बहुत बढ़ गए हैं और आज की digital technology में एक फ़ायदा यह हो गया कि बहुत दूर दूर से talent जो है हम तक पहुंच पाता है. जैसे अभी आशिखी में कानपुर से अनुकूलत अंकित तिवारी नाम का एक result रहा है हमारे पास. Actor बनने के लिए आप हमारा Camera acting कोर्स join करके सिर्फ 3 Month में Actor बने वो भी अपने घर से. वो भी मुंबई के Best Acting Academy से.

 इसने एक कमाल का गाना हमें दिया है. अब ये सब बहुत कवि हो पाया क्योंकि एक technology के द्वारा वो हमें email के द्वारा communication भेज कर हम तक पहुंच सकते थे. नहीं तो हमारे बाप दादा के जमाने में तो दरवाज़े के पास बर्बाद खड़ा होता था वह साला जब तक घुसती नहीं लेता था तब तक घुसती नहीं लेता था. तो कहीं पर excess भी बढ़ गया है मगर competition भी बढ़ गया है.

 देखिए युवा पीढ़ी को बहुत बहुत clearly एक बात समझनी चाहिए कि यहां पर कोई company है कोई map नहीं है.

 रास्ता आप जो बनाएंगे वह आप चलने से ही बना पाएंगे. आपको चलना पड़ेगा और फिर चलने क्या है. साथ साथ आपके जो कर्मों के निशान हैं उससे रास्ता बनेगा. कोई बना बनाया और super highway है नहीं. और रही बात advice की देखिए बेचारे बच्चे जो हैं हमारे उनको सुबह से लेकर शाम तक lecture मिलते हैं. हर आदमी उनको advice देता है. हमको भी लोगों ने advice की थी. यह मत करो, यह मत करो, यह मर जाओगे, यह करोगे तो. अगर हम यहां तक पहुंचे हैं तो इसलिए पहुंचे हैं कि हमने किसी की बात नहीं सुनी. हमने अपने दिल की ही सुनी. मुझे लगता है कि बच्चों को किसी की बात नहीं सुनी चाहिए अपने दिल में से जो आवाज़ आई उसी को follow करना चाहिए. हां, लोगों के पास बैठकर उनसे ज्ञान प्राप्त कर लीजिए.

 अगर ठीक लगता है तो sir ना लीजिए जिस दौर में मैंने कामयाबी बात आपकी वो दौर अलग था और मेरी realities अलग थी काश की realities अलग है, आज की situation अलग है, तो आपको खुद अपने पैरों पर खड़े होकर चलकर अपना रास्ता बनाना पड़ेगा. जैसे पिछले सौ साल तक सभी जिन जो achievers थे, उन्होंने यही किया था. कोई बना बनाया रास्ता नहीं है, कोई compass नहीं है.

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